एकपर्वतक नामक एक प्राचीन प्रदेश का उल्लेख पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है-
अर्थात् "कृष्ण, अर्जुन और भीम इंद्रप्रस्थ से गिरिव्रज (मगध, बिहार) जाते समय गंडकी, महाशोण, सदानीरा एवं एकपर्वतक की सब नदियों को पार करते हुए आगे बढ़े।"
- महाभारत सभापर्व के उपरोक्त उल्लेख से 'एकपर्वतक' उस प्रदेश का नाम जान पड़ता है, जिसमें उपर्युक्त नदिया बहती थीं, अर्थात् बिहार-उत्तर प्रदेश का सीमावर्ती भाग।[2]