वृंदारक

Disamb2.jpg वृंदारक एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- वृंदारक (बहुविकल्पी)

वृंदारक अथवा 'वृंद' नामक एक प्राचीन स्थान का उल्लेख महाभारत, सभापर्व[1] में हुआ है। महाभारत, सभापर्व के एक पाठ के अनुसार वृंदारक पर नकुल ने अपनी पश्चिमी दिशा की दिग्विजय के प्रसंग में अधिकार प्राप्त कर लिया था।

  • इतिहासकार वासुदेव शरण अग्रवाल के मत में वृंदारक या वृंद वर्तमान अटक, पाकिस्तान के निकट 'बुरिंदुबुनेर' नामक स्थान है। इस स्थान के आगे द्वारपाल या (सम्भवत:) ख़ैबर का उल्लेख है।[2]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सभापर्व 32,11
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 868 |

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