नंदातीर्थ महाभारत के अनुसार हेमकूट पर्वत पर स्थित एक नदी जिसे तीर्थ माना गया है; जहाँ सदा अंधड़ चलता और वर्षा होती रहती है। सदा वेद ध्वनि सुनाई पड़ती है पर वेद पढ़ने वाला कोई दिखाई नहीं पड़ता। प्रातःकाल और संध्या यहाँ अग्निदेव के दर्शन होते हैं। मक्खियों के डर से यहाँ कोई तपस्या नहीं कर पाता। युधिष्ठिर एक बार अपने भाइयों सहित यहाँ गये थे।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 63 |