वैनतेय का उल्लेख पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है, जिसके अनुसार यह भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ हैं। [1]
- गरुड़ भगवान विष्णु के अन्य परिकरों की भाँति नित्यमुक्त एवं अखण्ड ज्ञान-सम्पन्न माने जाते हैं। ये वेदों के अधिष्ठातृ देवता एवं वेदात्मा कहे जाते हैं। अत: इन्हें शास्त्रों में सर्वज्ञ भी कहा गया है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 102 |