अटवी

अटवी महाभारत काल में पुलिंदों की बस्ती थी। महाभारत, सभापर्व[1] में पुलिंद नगर पर भीम ने अपनी दिग्विजय यात्रा के प्रसंग में अधिकार कर लिया था।

  • 'वायु पुराण'[2] में भी अटवियों का उल्लेख हुआ है।
  • गुप्त सम्राट समुद्रगुप्त ने चौथी शती ई. में अटवी के सब राजाओं पर विजय प्राप्त करके उन्हें 'परिचारक' बना दिया था।
'परिचारकीकृतसर्वाटिवीकराजस्य'[3]
  • 'हर्षचरित' में बाणभट्ट ने भी 'विंध्याटवी' का सुंदर वर्णन किया है।
  • राज्यश्री की खोज करते समय हर्ष की भेंट अटवी में ही बौद्ध भिक्षु दिवाकरमित्र से हुई थी।
  • अटवी को 'आटविक प्रदेश' भी कहा गया है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सभापर्व 29, 10
  2. 45, 126
  3. समुद्रगुप्त की प्रयाग-प्रशस्ति

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