वेदस्मृता अथवा वेदस्मृति नामक एक प्राचीन नदी का उल्लेख महाभारत, भीष्मपर्व में हुआ है-
'वेदस्मृतां वेदवतीं त्रिदिवामिक्षुलां कृमिम्।'[1]
- इस नदी का अभिज्ञान अनिश्चित है, किंतु वेदस्मृति नामक किसी नदी को 'विष्णुपुराण'[2] में परियात्र (पश्चिमी विंध्य) से निस्तृत बताया गया है-
'वेदस्मृतिमुखाद्याः श्च पारियात्रोद्भवामुने।'
- वेदस्मृति के 'श्रीमद्भागवत'[3] में भी इस नदी का उल्लेख है-
'महानदीवेदस्मृतिऋषिकुल्यात्रिसामाकौशिकी।'
- संभवतः वेदस्मृता 'वेद स्मृति' का ही नामांतर है।[4]
- इसे मालवा की बेसुला नामक एक नदी से भी जानते हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत, भीष्मपर्व 9,17
- ↑ विष्णुपुराण 2,3,10
- ↑ श्रीमद्भागवत 5,19,18
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 876 |