अपरसेक नामक एक प्राचीन स्थान का उल्लेख महाभारत सभापर्व में हुआ है, जिसके अनुसार यह स्थान चंबल और नर्मदा के बीच में स्थित रहा होगा। कुंती पुत्र सहदेव ने दक्षिण दिशा की विजययात्रा में सेक और अपरसेक नामक देशों पर विजय प्राप्त की थी।
- 'सेकानपरसेकांश्च व्यजयत् सुमहाबल:'।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत सभा पर्व 31,1