नन्दिनी | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- नन्दिनी (बहुविकल्पी) |
नन्दिनी का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। महाभारत के अनुसार यह कामधेनु नामक गऊ थी। यह समुद्र से समुद्र मंथन करते समय प्रकट हुई थी।[1] इन्हें दक्ष की पुत्री माना गया है। देवी सुरभि के गर्भ से कश्यप द्वारा एक गौ का जन्म हुआ था जिसका नाम नन्दिनी था। महर्षि वशिष्ठ ने नन्दिनी को अपनी होमधेनु के रूप में प्राप्त किया था।[2] ये ब्रह्माजी की सभा में रहकर उनकी उपासना करती थी।[3] इनको अपने पुत्र बैल के लिए दु:ख प्रकट करते हुए देख इन्द्र द्वारा आश्वासन दिया गया था।[4][5]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ विष्णुपर्व 1.9.92
- ↑ महाभारत आदिपर्व 98.8-9
- ↑ सभापर्व 11.40
- ↑ वनपर्व 9.9.14
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 531 |