जाजलि

जाजलि हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत के अनुसार एक तपस्वी ब्राह्मण थे। महाभारत शान्ति पर्व के अनुसार ये वन में ही रहते और विचरते थे, इन महातपस्‍वी जाजलि ने समुद्र के तट पर जाकर बड़ी भारी तपस्‍या की थी। ये नियम से रहते थे, तथा नियमित भोजन करते और वल्‍कल,मृगचर्म एवं जटा धारण किया करते थे।[1]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 50 |

  1. महाभारत शान्ति पर्व अध्याय 261 श्लोक 1-18

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