सुरेश्वर का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। 'महाभारत शान्ति पर्व' के अनुसार यह आठ वसुओं में से एक थे।
- 'महाभारत शान्ति पर्व' में महात्मा भीष्म ने धर्मराज युधिष्ठिर से ब्रह्मा के पुत्र मरीचि आदि प्रजापतियों के वंश का तथा प्रत्येक दिशा में निवास करने वाले महर्षियों का वर्णन कहा है। भीष्म ने युधिष्ठिर को बताया है कि त्वष्टा के पुत्र महायशस्वी श्रीमान विश्वरूप हुए। अजैकपाद, अहिर्बुध्न्य, विरूपाक्ष, रैवत, हर, बहुरूप, त्रयम्बक, सुरेश्वर, सावित्र, जयन्त, पिनाकी और अपराजित ये ग्यारह रुद्र हैं।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 119 |