सत्य | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- सत्य (बहुविकल्पी) |
सत्य नामक एक अग्नि का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। यह निश्चयवन नामक अग्नि के पुत्र कहे जाते हैं। ये निष्पाप तथा कुलधर्म के प्रवर्तक हैं।[1]
- वेदना से छटपटा रहे जीवों को वेदना से छुटकारा दिलाने के कारण इनका दूसरा नाम 'निष्कृति' है।
- ये ही प्राणियों द्वारा सेवित घर और बाग-बगीचे आदि की शोभा बढ़ाते हैं।
- इनके पुत्र का नाम 'स्वन' है।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 508 |
- ↑ महाभारत वन पर्व 219.13-15