हाहा का उल्लेख पौराणिक हिन्दू ग्रंथों में मिलता है। यह कश्यप ऋषि की पत्नी प्राधा के गर्भ से उत्पन्न एक गंधर्व था।
- कश्यप ऋषि से प्राधा ने अनवद्या, मनु, वंशा, असुरा, मार्गणप्रिया, अरूपा, सुभगा और भासी इन सभी कन्याओं को जन्म दिया था।
- अतिबाहु, हाहा, हूहू तथा तुम्बुरु ये चार श्रेष्ठ गंधर्व भी प्राधा के ही पुत्र माने गये हैं।[1]
- विष्णुपुराण[2] और वायुपुराण[3] के अनुसार हाहा संगीतविशारद सात गंधर्वों में से एक है एवं ब्रह्मलोक में अतितान नामक संगीत गाता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 551 |
- ↑ महाभारत आदि पर्व अध्याय 65 श्लोक 27-56
- ↑ विष्णु पुराण 4.1.68
- ↑ वायु पुराण 69.46