अश्मक सौदास के क्षेत्रज पुत्र का नाम था।[1]
- सौदास 'मित्रसह' और 'कल्माषपाद' नाम से विख्यात थे।
- अश्मक का जन्म सौदास की रानी मदयन्ती की गर्भ से वशिष्ठ द्वारा हुआ था।
- अश्मक सात वर्षों तक माता के गर्भ में रहे। जब वशिष्ठ ने रानी के पेट पर पत्थर का प्रहार किया, तब यह उत्पन्न हुए।
- यह मूलक के पिता थे।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 36 |
- ↑ भागवतपुराण 9.9.39.40; ब्रह्माण्डपुराण 3.36.177; वायुपुराण 88.177; विष्णुपुराण 4.4.72,73
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