धृतवर्मा

धृतवर्मा पौराणिक महाकाव्य महाभारत के उल्लेखानुसार त्रिगर्त के राजकुमार थे तथा जो त्रिगर्त के राज सूर्यवर्मा तथा केतुवर्मा के भाई थे।

  • इसने सूर्यवर्मा के पराजित होने और केतुवर्मा के मारे जाने पर अकेले ही अश्वमेध के अश्व की रक्षा के लिए सन्नद्ध अर्जुन से लोहा लिया और बड़ी बहादुरी से लिया। जब अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा लेकर अर्जुन दिग्विजय के लिए चले थे तब धृतवर्मा के साथ अर्जुन युद्ध हुआ था।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 61 |


संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः