अंधक क्रोष्ट्री नामक यादव का पौत्र और युधाजित का पुत्र था, जो यादवों की अंधक शाखा का पूर्वज तथा प्रतिष्ठाता माना जाता है।
- जिस प्रकार अंधक से अंधकों की शाखा हुई, वैसे ही उसके भाई वृष्णि से वृष्णियों की शाखा चली। इन्हीं वृष्णियों में कालांतर में वार्ष्णेय कृष्ण हुए।
- महाभारत की परंपरा के अनुसार अंधकों और वृष्णियों के अलग-अलग गणराज्य भी थे, फिर दोनों ने मिलकर अपना एक संघराज्य (अंधक-वृष्णि-संघ) स्थापित कर लिया।