अतिश्रृंग कुमार कार्तिकेय के असंख्य पार्षदों में से एक का नाम है। इसका उल्लेख पौराणिक महाकाव्य 'महाभारत' के शल्य पर्व में मिलता है।[1]
- 'महाभारत शल्य पर्व' में कुमार कार्तिकेय के अभिषेक, उनके महापार्षदों के नाम तथा रूप आदि का वर्णन हुआ है। यहाँ उल्लेख मिलता है कि कुमार कार्तिकेय के अभिषेक समारोह में असंख्य देवी-देवता आदि उपस्थित हुए थे, जिन्होंने कुमार को अनेकों अनुचर, पार्षद तथा सेवक आदि प्रदान किये।
- विन्ध्य पर्वत ने भी अग्नि कुमार कार्तिकेय को दो पार्षद प्रदान किये, जिनके नाम थे- 'उच्छृंग' और 'अतिश्रृंग'। वे दोनों ही बड़े-बड़े पत्थरों की चटटानों द्वारा युद्ध करने में कुशल थे।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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