बुध

Disamb2.jpg बुध एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- बुध (बहुविकल्पी)

बुध का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। ये सोम (चन्द्र देव) के पुत्र थे, जो देवगुरु बृहस्पति की पत्नी तारा के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। इन्हें राजपुत्र भी कहा जाता है। इनका रथ चमकदार श्वेत रंग का है, जिसे भिन्न-भिन्न रंग के दस घोड़े खींचते हैं।[1]

  • इन्हें नपुंसक, शूद्र तथा अथर्ववेद का ज्ञाता, हस्तिशास्त्र का प्रवर्तक और अर्थशास्त्र का विद्वान कहा गया है।[2]
  • बुध धनु के आकार का और दूर्वाश्यामवर्ण का माना जाता है। इनके रवि और शुक्र मित्र हैं और चंद्रमा शत्रु।
  • बुध का विवाह वैवस्वत मनु की पुत्री इला से हुआ था। मनु-पुत्र सुद्युम्न शिव के शाप से शरवन में स्त्री होकर इला बन गया था।[3] इला के गर्भ से ही पुरूरवा का जन्म हुआ था।[4]



टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 355 |
  2. मत्स्यपुराण 24.3-10; 93.10,17; 115.1; 127.1-3; वायुपुराण 52.72; विष्णुपुराण 1.8-11; 4.6.32-34
  3. विष्णुपुराण 4.1.11-12; वायुपुराण 85.17
  4. भागवतपुराण 9.1.34-5; 14.14-15; ब्रह्मांडपुराण 2.24.49-134; 3.3.23; 65.44; 66.1; मत्स्यपुराण 11.54; 12.14

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः