सुवर्णाभ का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। महाभारत शान्ति पर्व के अनुसार यह स्वारोचिष मनु के पौत्र तथा शंखपद के पुत्र का नाम है, जो दिकपाल[1] थे।
- इन्हें पिता ने सात्वत धर्म का उपदेश दिया था।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 533 |
- ↑ पुराणानुसार दसों दिशाओं का पालन करने वाला देवता।
- ↑ महाभारत शान्ति पर्व 348.38