समुद्रसेन का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। महाभारत आदि पर्व के अनुसार ये एक क्षत्रिय नरेश का नाम है, जो एक कालेयसंज्ञक दैत्य के अंश से उत्पन्न हुए थे।
- ये धर्म तथा अर्थ तत्त्व के ज्ञाता थे।
- समुद्रपर्यन्त सारी पृथ्वी पर इनकी ख्याति थी।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 512 |
- ↑ महाभारत आदि पर्व 67.54
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