ज्योति (अनुचर)

Disamb2.jpg ज्योति एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- ज्योति (बहुविकल्पी)

ज्योति कुमार कार्तिकेय के असंख्य अनुचरों में से एक का नाम है। इसका उल्लेख पौराणिक महाकाव्य 'महाभारत' के शल्य पर्व में मिलता है।[1]

  • 'महाभारत शल्य पर्व' में कुमार कार्तिकेय के अभिषेक, उनके महापार्षदों के नाम तथा रूप आदि का वर्णन हुआ है। यहाँ उल्लेख मिलता है कि कुमार कार्तिकेय के अभिषेक समारोह में असंख्य देवी-देवता आदि उपस्थित हुए थे, जिन्होंने कुमार को अनुचर प्रदान किये।
  • अग्नि देव ने भी कुमार को 'ज्वालाजिह' तथा 'ज्योति' नामक दो शूर सेवक प्रदान किये, जो शत्रु सेना को मथ डालने वाले थे।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 50 |

  1. महाभारत शल्य पर्व अध्याय 45 श्लोक 28-49

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