रुद्र

Disamb2.jpg रुद्र एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- रुद्र (बहुविकल्पी)
रुद्र भगवान शिव का ही एक अन्य नाम है।

रुद्र भगवान शिव का ही एक नाम है। इन्हें उग्र देवता माना जाता था। उग्र रूप में 'रुद्र' तथा मंगलकारी रूप में शिवअथर्ववेद में इसे 'भूपति' 'नीलोदर', 'लोहित पृष्ठ' तथा 'नीलकण्ठ' कहा गया है। रुद्र को 'कृतवास'[1] भी कहा गया है। ऐतरेय ब्राह्मण में कहा गया है कि 'रुद्र' की उत्पत्ति सभी देवताओं के उग्र अंशों से हुई है। यजुर्वेद के 'शतरुद्रिय प्रकरण' में इसे 'पशुपति', 'शम्भू', 'शंकर', 'शिव' कहा गया है। 'रुद्र' अनैतिक आचरणों से सम्बद्ध माने जाते थे।

  • सृष्टि के आरम्भ में ब्रह्मा की भौहों से उत्पन्न एक प्रकार के देवता, जो क्रोधरूप माने जाते हैं और जिनसे भूत, प्रेत, पिशाच उत्पन्न कहे जाते हैं। 'अज', 'एकपाद', 'अहिर्बुध्न्य', 'पिनाकी', 'अपराजित', 'त्र्यम्बक', 'महेश्वर', 'वृषाकपि', 'शंभु', 'हरण' और 'ईश्वर', ये ही कुल ग्यारह रुद्र हैं।
  • ब्रह्म वैवर्त पुराण के उल्लेखानुसार रुद्र के वेदोक्त नाम इस प्रकार है।[2]
  1. शुचि (रुद्र)
  2. कालाग्नि (रुद्र)
  3. पिंगलाक्ष (रुद्र)
  4. ऊर्ध्वकेश (रुद्र)
  5. ऋतुध्वज (रुद्र)
  6. भयंकर (रुद्र)
  7. भीषण (रुद्र)
  8. मतिमान (रुद्र)
  9. महात्मा (रुद्र)
  10. महान (रुद्र)
  • ब्रह्म वैवर्त पुराण के उल्लेखानुसार दक्ष ने अपनी ग्यारह कन्याओं का विवाह रुद्र से किया था।
  • दक्ष की कन्या तथा रुद्र की पत्नियों के नाम इस प्रकार है-
  1. कला
  2. कलावती,
  3. काष्ठा
  4. कालिका
  5. कलहप्रिया
  6. कन्दली
  7. भीषणा
  8. रास्रा
  9. प्रमोचा
  10. भूषणा
  11. शुकी



टीका टिप्पणी और संदर्भ

पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 478 |

  1. खाल धारण करने वाला
  2. ब्रह्म वैवर्त पुराण पृ. 29

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