पौढ़े लाल राधिका उर लाइ -सूरदास

सूरसागर

2.परिशिष्ट

भ्रमर-गीत

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राग बिहाग़रा




पौढ़े लाल राधिका उर लाइ।
नव कुसुम अरु नवल सेज्या नव चतुर दोउ नाइ।।
गान सहचरि करति द्वारै सरस राग जगाइ।
‘सूर’ प्रभु गिरिधरन संगसुख रही उर लपटाइ।। 55 ।।

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