श्रीमुख चारि श्‍लोक दए ब्रह्मा कौं समुझाह -सूरदास

सूरसागर

प्रथम स्कन्ध

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राग सारंग



श्रीमुख चारि श्‍लोक दए ब्रह्मा कौं समुझाह।
ब्रह्मा नारद सौं कहे, नारद व्‍यास सुनाइ।
व्‍यास कहे सुकदेव सौं द्वादस स्‍कंध बनाइ।
सूरदास कोई कहे पद भाषा करि गाइ गाह।।225।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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