सूरसागर |
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प्रथम स्कंध | |
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द्वितीय स्कंध | |
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तृतीय स्कंध | |
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चतुर्थ स्कंध | |
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पंचम स्कंध | |
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षष्ठ स्कंध | |
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सप्तम स्कंध | |
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अष्टम स्कंध | |
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नवम स्कंध | |
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दशम स्कंध |
पूर्वार्ध
पूतना-वध • श्रीधर-अंग-भंग • कागासुर-वध • सकटासुर-वध • तृणावर्त-वध • नामकरण • अन्नप्राशन • वर्षगाँठ • घुटुरुवों चलना • पाँवों चलना • बाल-छवि-वर्णन • कनछेदन • चंद्र-प्रस्ताव • कलेवा-वर्णन • क्रीड़न • पाँड़े-आगमन • माटी-भक्षण-प्रसंग • शालिग्राम-प्रसंग • प्रथम माखन-चोरी • उलूखल-बंधन • यमलार्जुन-उद्धार की दूसरी कथा • गो-दोहन • वृंदावन-प्रस्थान • गो-चारण • बकासुर-वध • अघासुर-वध • ब्रह्मा-बालक-वत्स-हरण • बाल वत्स-हरण की दूसरी लीला • धेनुक-वध • कालीदह-जल-पान • ब्रज-प्रवेश-शोभा • कमल-पुष्प मँगाना, काली-दमन लीला • दावानल-पान लीला • प्रलंब-वध • मुरली-स्तुति • गोपिका-वचन • श्रीराधा-कृष्ण मिलाप • सुख-विलास • गृह-गमन • राधिकाजी का यशोदा-गृह गमन • राधा-गृह-गमन • राधिका का पुनरागमन • चीर-हरन-लीला • दूसरी चीर-हरन-लीला • यज्ञ-पत्नी-लीला • यज्ञ-पत्नी-वचन • गोवर्धन-पूजा तथा गोवर्धन-धारण • गिरिधारण-लीला • गोवर्धन की दूसरी लीला • गोपादि की बातचीत • अमर-स्तुति तथा कृष्णाभिषेक • इंद्र-शरणागमन • वरुण से नंद को छुड़ाना • रास-पंचाध्यायी आरंभ • श्रीकृष्ण-विवाह-वर्णन • श्रीकृष्ण का अंतर्धान होना • गोपी-गीत • रास-नृत्य तथा जल-क्रीड़ा • विद्याधर-शाप-मोचन • वृंदावन-विहार • शंखचूड़-वध • श्रीकृष्ण-ज्योनार • गोपी-वचन, मुरली के प्रति • मुरली-वचन, गोपियों के प्रति • गोपी-वचन, परस्पर • श्रीकृष्ण का व्रजागमन • बृषाभाषुर-वध • केशी-वध • व्योमासुर-वध • पनघट-लीला • दान-लीला • ग्रीष्म-लीला • यमुनागमन-युगलसमागम • लघु-मानलीला • नैन समय के पद • आँख समय के पद • मानलीला और दंपति विहार • खंडिता प्रकरण • राधा का मान • राधाजी का मध्यम मान • सुखमा गृहागमन • सुखमा के घर सखियों का आगमन • वृंदा-गृह-गमन • वृंदा के धाम से प्रमुदा के धामगमन • बड़ी मानलीला • दूसरी गुरु मानलीला • झूलन • बसंत लीला • अक्रूर-ब्रज-आगमन • गोपिकाओं की उद्विग्नता • यशोदा वचन श्रीकृष्ण के प्रति • नंदवचन, यशोदा के प्रति • गोपिका वचन, परस्पर • यशोदा विलाप • कृष्ण वचन नंद के प्रति • अक्रूर-कृत-श्रीकृष्ण-स्तुति • अक्रूर पत्यागमन • श्रीकृष्ण का मथुरा आगमन • रजक वध • धनुष-भंगलीला • कुवलया वध • हस्ती वध (संक्षिप्त) • श्रीकृष्ण वचन मल्लों के प्रति • वसुदेव दर्शन • यज्ञोपवीत उत्सव • नंद बिदाई • नंदब्रजागमन • सखीवचन; यशोदाविलाप ब्रजवासीवचन, आगत ग्वाल-वचन; गोपीजन • ब्रजदसा • परस्पर नंद-यशोदा-वचन • पंथीवचन, देवकी के प्रति • गोपी-विरह-वर्णन • स्वप्नदर्शन • चन्द्रोपालंंभ • उद्धव-व्रज-आगमन • स्याम रंग पर तर्क • यशोदा जी का संदेश • उद्धव आगमन, भ्रमरगीत संक्षेप • उद्धव प्रत्यागमन • श्रीकृष्ण का अक्रूर-गृह-गमन • श्रीकृष्ण का अक्रूर-गृह-गमन
उत्तरार्द्ध
कालयवनदहन • द्वारिका प्रवेश • द्वारिका शोभा • रुक्मिणी-पत्नि की-प्राप्ति • रुक्मिणी विवाह की दूसरी लीला • प्रद्युम्न-जन्म • प्रद्युम्न-जन्म • जांबंवती और सत्यभामा का विवाह • शतधन्वा वध • पंच पटरानी विवाह • भौमासुर वध तथा कल्पवृक्ष आनयन • रुक्मिणी परीक्षा • प्रद्युम्नविवाह • अनिरुद्धविवाह • नृग राजा का विवाह • श्री बलभद्र का ब्रज आगमन • पौंड्रकवध • सुदक्षिणावध • द्विविदवध • सांब विवाह • नारदसंशय • जरासंध वध • राजाओं की प्रार्थना • पांडव यज्ञ, शिशुपालगति • पांडव सभा, दुर्योधन का क्रोध • शाल्ववध • दंतवक वध • सुदामाचरित्र • संक्षिप्त सुदामाचरित्र • पथिक के प्रति ब्रजनारी वाक्य • कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण, यशोमति, गोपीमिलन • रुक्मिनीवचन श्रीकृष्ण के प्रति • श्रीकृष्ण का कुरुक्षेत्र आगमन • राधिका वचन सखी प्रति • श्रीकृष्ण के प्रति गोपी संदेश • कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण मिलन • रुक्मिनी का प्रश्न • रुक्मिनी का प्रश्न • श्रीकृष्ण वचन व्रजवासियों के प्रति • व्रजवासी वचन • ऋषि स्तुति • देवकी पुत्र आनयन • वेदस्तुति • नारदस्तुति • सुभद्रा विवाह • जनक श्रुतिदेव और श्रीकृष्ण मिलाफ • भस्मासुर वध • भृगु परीक्षा • अर्जुन को निज रूप दर्शन तथा शंखचूड़ पुत्र आनयन |
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एकादश स्कंध | |
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द्वादश स्कंध | |
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परिशिष्ट | |