तेरी माइ सकल जग खोयौ -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

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राग सारंग



तेरी माइ सकल जग खोयौ।
सो को जो इहि मिलि न बिगोयौ।।
सो को जु मिलि करि नहिं बिगोयौ फिरत निसि बासर बनी।
सिर सेत पट कटि नील लहँगा लाल चोली विनु तनी।।
कछु मंद मुख मुसकाइ सुर नर नाग भुज भीतर लिए।
बलि जाउँ जादोपति तुम्हारी माइ कुल बिनु तुम किए।।

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