झुनक स्याम की पैजनियाँ -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

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राग कान्हरौ



झुनक स्याम की पैजनियाँ।
जसुमति-सुत कौं चलन सिखावतिं, अंगुरी गहि-गहि दोउ जनियाँ।
स्याम बरन पर पीत झँगुरिया, सीस कुलहिया चौतनियाँ।
जाकौ ब्रह्मा पार न पावत, ताहि खिलावति ग्वालिनियाँ।
दूर न जाहु निकटहीं खेलौ, मैं बलिहारी रेंगनियाँ।
सूरदास जसुमति बलिहारी, सुतहिं खिलावति लै कनियाँ।।132।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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