हम न भईं बड़भागिनि बँसुरी -सूरदास

सूरसागर

2.परिशिष्ट

भ्रमर-गीत

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राग नट





हम न भईं बड़भागिनि बँसुरी।
कर अंबुज मैं बास सदाई जोकौ छन छन पियति अधर मधुरसु री।।
मुरली मनोहर नाम कहावत तीनौ लोक बिदित जग जसु री।
'सूरदास' प्रभु अधिक निठुर भए मुरली कौ दियौ हमारौ सरबसु री।। 18 ।।

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