स्याम तेरी मुरली मधुर धुनि बाजै -सूरदास

सूरसागर

2.परिशिष्ट

भ्रमर-गीत

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स्याम तेरी मुरली मधुर धुनि बाजै।
मुरली तेरी सुर नर मोहै तीनि लोक पर गाजै।।
लीन्हे बाल गुपाल लाल सँग आवत गैयनि पाछै।
मोरमुकुट कुडल की सोभा पीत काछनी काछै।।
काँध कमरिया हाथ लकुटिया माथै तिलक बिराजै।
'सूरदास' के प्रभु की सोभा कोटिक काम पराजै।। 13 ।।

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