स्यामरंग राँची ब्रजनारी -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

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राग बिलावल


स्यामरंग राँची ब्रजनारी। और रंग सब दीन्हें डारी।।
कुसुम रंग गुरुजन पितु माता। हरित रंग भगनी अरु भाता।।
दिना चारि मैं सब मिटि जैहै। स्याम रंग अजराइल रैहै।।
उज्ज्वल रंग गोपिका नारी। स्याम रंग गिरिबर के धारी।।
स्यामहिं मैं सब रंग बसेरौ। प्रगट बताइ देउँ कह झेरौ।।
अरुन सेत सित सुंदर तारे। पीत रंग पीतांबर धारे।।
नाना रंग स्याम गुनकारी। 'सूर' स्याम रँग घोषकुमारी।।1912।।

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