भलै गई होरी जो आई -सूरदास

सूरसागर

1.परिशिष्ट

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राग होरी





भलै गई होरी जो आई घर आए घनस्याम।
धनि मेरौ भाग सुहाग लड़ैते और न दूजी बाम।।
काजर दै मुख माँड़ि हरद सौ राधा पूरे काम।
'सूरदास' की इच्छा पूजी, सीता मिली श्री राम।। 128।।


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