क्रीड़त कालिंदी कूल मैं कहाँ -सूरदास

सूरसागर

1.परिशिष्ट

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राग टोड़ी




क्रीड़त कालिंदी कूल मैं कहाँ कोमल मलय समीरे।
संका रहित बिपुल अवलनि सँग बिलसत कुंज कुटीरे।।
कुमकुम अगरु सत सोचित रेखा पंकित भँवर बिखेखे।
मालति मिलित सरिता जल ‘सूर’ प्रतिकृत अभिसेखे।। 59 ।।

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