कौन बनिज कहि मोहिं सुनावति -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

Prev.png
राग सेहौ


कौन बनिज कहि मोहिं सुनावति।
तुम्‍हरौ गथ लाद्यौ गयंद पर, हींग मिरिच कह गावति।।
अपनौ बनिज दुरावति हौ कत, नाउँ लिये ते नाहीं।
बहुत मोल के बान तुम्‍हारे, कैसैं दुरत दुराए।
सुनहु सूर कछु मोल लेहिंगे, कछु इक दान भराए।।1529।।

Next.png

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः