कहति दूतिका सखिनि बुझाइ।
आजु राधिका मान करयौ है, स्याम गए कुम्हिलाइ।।
कर सौ कर धरि लाल गई लै, सखिनि सहित बन धाम।
सुख दै कह्यौ, लिये आवति हौ, सँग बिलसाऊँ बाम।।
मो आगे की महरि बिटिनियाँ, कहा करे वह मान।
सुनहु 'सूर' प्रभु कित्तिक बात यह, करै न पूरनकाम।।2425।।