हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 98 श्लोक 16-20

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 98 श्लोक 16-20

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दक्षिणस्यां लतावेष्ट : पंचवर्णो विराजते।
इन्द्रकेतुप्रतीकाश: पश्चिमां दिशमाश्रित:।
सुकक्षो राजत: शैलश्चित्रपुष्प महावन:।।16।।

उत्तरां दिशमत्यर्थं विभूषयति वेणुमान्।
मन्द्राद्रिप्रतीकाश: पाण्डुर: पार्थिवर्षभ।।17।।

चित्रकं पंचवर्णं च पांचजन्यं‍ वनं महत्।
सर्वर्तुकवनं चैव भाति रैवतकं प्रति।।18।।

लतावेष्टितपर्यन्तं मेरुप्रभवनं महत्।
भाति भानुवनं चैव पुष्पकं च महद् वनम्।।19।।

अक्षकैर्बीजकैश्चैंव मन्दाररैश्चोपशोभितम्।
शतावर्तवनं चैव करवीराकरं तथा।।20।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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