हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 62 श्लोक 1-5

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 62 श्लोक 1-5

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भूय एव तु विप्रर्षे बलदेवस्‍य धीमत:।
माहात्‍म्‍यं श्रोतुमिच्‍छामि शेषस्‍य धरणीभृत:।।1।।

अतीव बलदेवं तं तेजराशिमनिर्जितम्।
कथयन्ति महात्‍मानं ये पुराणविदो जना:।।2।।

तस्‍य कर्माण्‍यहं विप्र श्रोतुमिच्‍छामि तत्‍त्‍वत:।
अनन्‍तं यं विदुर्नागमादिदेवं महौजसम्।।3।।

वैशम्‍पायन उवाच
पुराणे नागराजोऽसौ पठ्यते धरणीधर:।
शेषस्‍तेजोनिधि: श्रीमानकम्‍प्‍य: पुरुषोत्‍तम:।।4।।

योगाचार्यो महावीर्यो देवमन्‍त्रमुखो बली।
जरासंधं गदायुद्धे जितवान् यो न चावधीत्।।5।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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