हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 90 श्लोक 1-5

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 90 श्लोक 1-5

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वैशम्पायन उवाच
तेषां क्रीडावसक्तानां यदूनां पुण्याकर्मणाम्।
छिद्रमासाद्य दुर्बुद्धिर्देवशत्रुर्दुरासद:।।1।।

कन्यां भानुमतीं नाम भानोर्दुहितरं नृप।
जहारात्म‍वधाकांक्षी निकुम्भो नाम दानव:।।2।।

अन्तर्हितो मोहयित्वा यदूनां प्रमदाजनम्।
मायावी मायया राजन् पूर्ववैरमनुस्मरन्।।3।।

भ्रातुर्हि वज्रनाभस्य तस्य कन्या प्रभावती।
प्रद्युम्नेन हृता वीर वज्रनाभस्तथा हत:।।4।।

भानोरेव तथारण्ये वसत्यवसरेण हि।
अस्वाेधीने दुराधर्षे छिद्रज्ञो दानवाधम:।।5।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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