हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 76 श्लोक 1-5

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 76 श्लोक 1-5

Prev.png

 

वैशम्पायन उवाच

अथ कृष्ण‍स्य कौरव्य ध्यातमात्रस्तपोधन:।
आजगाम मुनिश्रेष्ठो नारदो वदतां वर:।।1।।

सम्पूजयित्वा विधिवद् वासुदेवो विशाम्पते।
प्रतिग्रहार्थं विविधच्छ्री मान् भक्यात्र न्यसमन्त्ररयत्।।2।।

तत: काले च सम्प्राप्तेन स्नातं देवो महामुनिम्।
सम्पूगज्या माल्यै‍र्गन्धैश्च भोजयामास भारत।।3।।

सार्वकामिकमन्ना्द्यं सर्वभूतकृदन्वय:।
सत्यया प्रियया सार्द्धं प्रहृष्टेनान्तसरात्मना।।4।।

पुष्पकदामावसज्याथ कण्ठे कृष्णनस्य भाविनी।
बन्धक कृष्णं सुभगा पारिजाते वनस्पतौ।।5।।

Next.png

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः