हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 74 श्लोक 1-5

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 74 श्लोक 1-5

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वैशम्पायन उवाच

तमारुह्य रथं कृष्ण: पारियात्रं गिरिं ययौ।
यत्रैरावतमास्थाय स्थित: सुरपति: प्रभु:।।1।।

पारियात्रो गिरिश्रेष्ठो दृष्टवा यान्तं जनार्दनम्।
शाणपादसमो भूत्वा प्रविवेश वसुंधराम्।।2।।

प्रियार्थं वासुदेवस्य प्रभावज्ञो महात्मन:।
तस्य प्रीतो हृषीकेश: पर्वतस्य जनाधिप।।3।।

तत: प्रयातं युद्धार्थमच्युतं कुरुनन्दन।
सपारिजातो गरुड: पृष्ठतोऽनुययौ तदा।।4।।

प्रद्युम्न: सात्यकिश्चापि गरुडस्थौ महाबलौ।
गतावुभौ रक्षणार्थे पारिजातमरिंदमौ।।5।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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