हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 99 श्लोक 1-5

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 99 श्लोक 1-5

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एवमालोकयान: स द्वारकां वृषभेक्षण:।
अपश्योत् स्वकगृहं कृष्णै: प्रासादशतशोभितम्।।1।।

मणिस्तकम्भतसहस्राणामयुवैर्विवृतं शतै:।
तोरणैर्ज्वशलनप्रख्यैहर्मणिविद्रुमराजतै:।।2।।

तत्र तत्र प्रभासद्भिश्चित्रकांचनवेदिकै:।
प्रासादस्तपत्र सुमहान् कृष्णोपस्थानिकोऽभवत्।।3।।

स्फासटिकस्त मभनविवृतो विस्तीवर्ण: सर्वकांचन:।
पद्माकुलजलोपेता रक्त सौगन्धिकोत्पवला:।।4।।

मणिहेमनिभाश्चित्रा रत्नमसोपानभूषिता:।
मत्तेबर्हिणुष्टा‍श्च कोकिलैश्च सदामदै:।।5।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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