हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 29 श्लोक 1-5

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 29 श्लोक 1-5

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वैशम्‍पायन उवाच
तस्मिन्‍नहनि निर्वृत्‍ते द्वितीये समुपस्थिते।
आपूर्यत महारंग: पौरैर्युद्धदिदृक्षुभि:।।1।।

सचित्राष्‍टास्त्रिचरणा: सार्गलद्वारवेदिका:।
सगवाक्षार्धचन्‍द्राश्‍च सुतल्‍पोत्‍तमभूषिता:।।2।।

प्राङ्मुखैश्‍चारुनिर्मुक्‍तैर्माल्‍यदामावतंसितै।
अलंकृतैर्विराजद्भि: शारदैरिव तोयदै:।।3।।

मंचागारै: सुनिर्युक्‍तैर्युद्धाय सुविभूषितै:।
समाजवाट: शुशुभे समेघौघ इवार्णव:।।4।।

स्‍वकर्मद्रव्‍ययुक्‍ताभि: पताकाभिर्निरन्‍तरम्।
श्रेणीनां च गणानां च मंचा भान्‍त्‍यचलोपमा:।।5।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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