हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 49 श्लोक 51-55

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय

Prev.png

 

केशी चापि महावीर्यो दानवो हयविग्रह:।
निहतो वासुदेवेन देवैरपि दुरासद:।।51।।

सान्दीपनिसुतश्चैव चिरनष्टो हि सागरे।
दैत्यंव पञ्जजनं हत्वा आनीतो यममन्दिरात्।।52।।

गोमन्ते सुमहद् युद्धं बहुभिर्वेष्टितावुभौ।
कृत्वाे वित्राजननं नागाश्वररथसंक्षयम्।।53।।

गजेन गजवृन्दानि रथेन रथयोधिन:।
सादिनश्चाश्वायोधेन नरेण च पदातिन:।
जघ्ननतुस्तौ महावीर्यौ वसुदेवसुतावुभौ।।54।।

न देवासुरगन्धर्वा न यक्षोरगराक्षसा:।
न नागा न च दैत्येतन्द्रा न पिशाचा न गुह्यका:।।55।।

Next.png

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः