हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 10 श्लोक 16-20

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 10 श्लोक 16-20

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संततासारनिर्यत्‍ना: क्लिन्‍नयत्‍नोत्तरच्‍छदा:।
न त्‍यजन्ति नगाग्राणि श्रान्‍ता इव पतत्त्रिण:।।16।।

तायेगम्‍भीरलम्‍बेषु स्‍त्रवत्‍सु च नदत्‍सु च।
उदरेषु नवाभ्राणां मज्‍जतीव दिवाकर:।।17।।

महीरुहैरुत्‍पतितै: सलिलोत्‍पीडसंकुला।
अन्विष्‍यमार्गा वसुधा भाति शाद्वलमालिनी।।18।।

वज्रेणेवावरुग्‍णानां नगानां नगशालिनाम्।
स्‍त्रोतोभि: परिकृत्‍तानि पतन्ति शिखराण्‍यध:।।19।।

पतता मेघवर्षेण यथा निम्‍नानुसारिण:।
पल्‍वलोत्‍कीर्णमुक्‍तेन पूर्यन्‍ते वनराजय:।।20।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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