हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 109 श्लोक 86-90

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 109 श्लोक 86-90

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अगस्त्यो गालवो गार्ग्य: शक्तिर्धौम्य: पराशर:।
कृष्णात्रेयश्च भगवानसितो देवलो बल:।।86।।

बृहस्पतिरुतथ्यश्च मार्कण्डेय: श्रुतश्रवा:।
द्वैपायनो विदर्भश्च जैमिनिर्माठर: कठ:।।87।।

विश्वामित्रो वसिष्ठश्च लोमशश्च महामुनि:।
उत्तंकश्चैव रैभ्यश्च‍ पौलोमश्च द्वितस्त्रित:।।88।।

ऋषिर्वै कालवृक्षीयो मुनिर्मेधातिथिस्तथा।
सारस्वतो यवक्रीति: कुशिको गौतमस्तथा।।89।।

संवर्त ऋष्यश्रृंगश्च स्वोस्योपौ त्रेयो विभाण्डक:।
ऋचीको जमदग्निश्च‍ तथौर्वस्तपसां निधि:।।90।।
 

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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