हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 101 श्लोक 36-40

हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 101 श्लोक 36-40

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अक्रूरस्या समक्षं च यन्नागभवने विभु:।।36।।
पूज्यरमानां तदा नागैर्दिव्यंद वपुरधारयत्।

शीतवातार्दिता गाश्च दृष्ट्वा कृष्णेन धीमता।।37।।

धृतो गोवर्धन: शैल: सप्तरात्रं महात्ममना।
शिशुना वासुदेवेन गवां त्राणार्थमिच्छताम्।।38।।

तथोक्षदुष्टोेऽतिबलो महाकायो नरान्तकृत्।
गोपतिर्वासुदेवेन गवां हतोऽरिष्टो महासुर:।।39।।

धेनुक: स महाकायो दानव: सुमहाबल:।
निहतो वासुदेवेन गवां त्राणाय दुर्मति:।।40।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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