हमतौ निसि दिन हरि गुन गावै -सूरदास

सूरसागर

1.परिशिष्ट

भ्रमर-गीत

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हमतौ निसि दिन हरि गुन गावै।
लाल कृपाल कृपा सुख उपजै, जैसै तुमकौ पावै।।
जौ प्रभु तुम्हैं चोप चंदन की, हमहूँ घसि लै आवै।
टेढ़ी चाल चलत सुख मानत टेढ़ चलि दिखरावै।।
और अनेक उपाय करै हम, जे जे तुमकौ भावै।
जौ पै ‘सूर’ कूबरहिं रीझे, आजु कहाँ तै पावै।। 175 ।।

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