भोर भयौ जागे नँदलाल -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

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राग भैरव
श्रीकृष्ण का मथुरा आगमन


भोर भयौ जागे नँदलाल।
नँदराइ निरखत मुख हरषे, पुनि आए सब ग्वाल।।
देखि पुरी अति परम मनोहर, कंचन कोट बिसाल।
कहन लगे सब 'सूरज' प्रभु सौं, होहु इहाँ भूपाल।।3034।।

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