मया करिऐ कृपाल, प्रतिपाल संसार -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

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राग बिलावल



मया करिऐ कृपाल, प्रतिपाल संसार एकधि जंजाल तैं परौं पार।
काहू के ब्रह्मा, काहू के महेस, प्रभु मेरे तौ तुम‍हीं अधार।
दीन के दयाल हरि, कृपा मोकौं करि, यह कहि-कहि लोटत बार-बार।
सूरस्‍याम अंतरजामी स्‍वामी जगत के कहा कहौं करौ निरवार।।252।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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