भूलि नही अब मान करौ री -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

Prev.png
राग बिलाबल


भूलि नही अब मान करौ री।
जातै होइ अकाज आपनौ, काहै वृथा मरौ री।।
ऐसे तन मै गर्व न राखौ, चिंतामनि बिसरौं री।
ऐसी बात कहै जो कोऊ, ताकै संग लरौ री।।
आरजपंथ चलै कह सरिहै, स्यामहि संग फिरौ री।
'सूर' स्याम जउ आपु स्वारथी, दरसन नैन भरौं री।।2102।।

Next.png

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः