बढ़ि बढि बात लागी करन -सूरदास

सूरसागर

2.परिशिष्ट

भ्रमर-गीत

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राग रामकली




बढ़ि बढि बात लागी करन।
स्यामसुदर मदनमोहन आए तेरे घरन।।
उदित उर पर चिकुर छूटे चिकुर उर पर ढरन।
काम कौ दल साजि आई आड़ दै दै लरन।।
बिरह कौ संग्राम जीत्यौ बाधि अपनौ परन।
‘सूर’ के प्रभु तरन तारन राखि अपनी सरन।। 44 ।।

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