आछे मेरे लाल हो -सूरदास

सूरसागर

दशम स्कन्ध

Prev.png
राग धनाश्री



(आछे मेरे) लाल हो, ऐसी आरि न कीजै।
मधु-मेवा-पकवान-मिठाई जोइ भावै सोइ लीजै।
सद माखन घृत दह्यौ सजायौ, अरु मीठौ पय पीजै।
पालागौं हठ अधिक करौ जनि, अति रिस तैं तन छीजै।
आन बतावति, आन दिखावति, बालक तौ न पतीजै।
खसि-खसि परत कान्ह कनियाँ तैं, सुसुकि सुसुकि मन खीजै।
जल-पुट आनि धरयौ आँगन मैं, मोहन-नैंकु तौ लीजै।
सूर स्याम हठि चंदहि मांगै, सु तौ कहाँ तैं दीजै।।190।।

Next.png

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः